प्यारे दोस्तों आप लोगो ने अब तक पढ़ा .. मैने कहा कि आज तुझे भी बाबूजी के लंड के दर्शन करवा दूँगी ओर उसे छूने का सोभाग्य भी दिलवा दूँगी तो उसने मुझे बाहों मैं भर लिया और मेरा मूह चूम के बोली थैंक यू भाभी पर एक बात बताओ आप तो कहती थी कि भैया को धोखा नही दोगि फिर ये इरादा कैसे बन गया तो मैने कहा कि दीदी उस दिन आप ने बाबूजी के लंड की तारीफ ही इतनी की थी के मुझे सारी रात वो ही बातें सताती रही ओर सोने नही दिया उसके बाद तो रोज रात मे मुझे आप दिखाई देती थी सपने मैं बाबूजी के लंड को देख के खुश होती हुई बस फिर मैने मन बना लिया कि मैं भी उसे देख के ही दम लूँगी ओर उसका मज़ा भी लूँगी ओर आप को भी मज़ा दिलवाउंगी तो वो बोली भाभी आप बहुत अच्छी हो तो मैने कहा कि दीदी अब मस्का मत लगाओ और फिर हम आपस मैं बातें करने लगी…. और अब आगे …. रात 8 बजे के करीब बाबूजी घर आ गये ओर उन्होने खाना खाया और फिर हम तीनो बैठ के आपस मे बातें करने लगे. करीब 9.30 बजे मैने पूछा कि बाबूजी आप को दूध अभी ला दू या बाद मैं मुझे नींद आ रही है तो वो बोले कि ला दो बहू मुझे भी नींद आ रही है. बाबूजी बोले रुचिता बेटी तुम कहाँ सोओगी तो वो बोली के मैं भाभी के पास ही सो जाउंगी फिर मैं दूध लेने चली गई.मैने दूध गरम किया ओर बाबूजी के दूध मैं 2 नींद की गोलियाँ मिला के मिक्स किया और रुचिता दीदी को आवाज़ लगाई तो वो किचॅन मैं आ गई तो मैने कहा कि आप भी अभी पिएन्गि या बाद मैं तो वो बोली के अभी दे दो तो मैने कहा के नही हम बाद मैं पी लेंगे पहले ये दूध बाबूजी को दे दो ओर हाँ एक बात का ख्याल रखना कि वहीं पे बैठ जाना जब वो दूध पी लें तो ये गिलास ले आना अगर वो बोले के मैं बाद मैं पी लूँगा तो कहना भाभी अभी हमारे लिए दूध गरम कर रही है तब तक आप पी लीजिए वो ये गिलास भी अभी धो के रख देगी भाभी कह रही थी कि कल भी बिल्ली ने गिलास तोड़ दिया है | दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | एक जो उनके रूम मे पड़ा था.वो बोली के अभी क्यो पीना है वो बाद मैं पी लेंगे मैने कहा कि वो करो दीदी जो मैं कहती हूँ फिर आगे के बारे मैं भी बताती हूँ वो बोली ठीक है ओर दूध ले कर चली गई ओर बाबूजी को वोही बोली जो मैने कहा था. मैं किचन मे ही खड़ी उसका वेट करने लगी मैने उसे कहा था कि मैं किचॅन मे ही हूँ बस तुम दूध पीला के जल्दी से वापिस आ जाओ. मैं किचॅन मे ही रुचिता दीदी का वेट कर रही थी कि तभी वो दूध पिला के आ गई तो मैने कहा के लो अब आप भी दूध पिओ ओर मैं भी पी लेती हूँ फिर कोई 15 मिंट तक हम दोनो किचॅन मे ही बातें करते रहे ओर फिर गिलास धोने के बाद मैने उसे कहा कि देखो बाबूजी क्या कर रहे हैं तो वो बोली कि टीवी देख रहे थे मैने कहा कि अब देखो क्या कर रहे हैं और हाँ चुपके से देखना तो वो देखने चली गई और वापिस आ के बोली कि भाभी वो तो सो रहे हैं. उन्हे दूध पिए 25 मिंट के करीब हो गये थे ओर मैने केमिस्ट से पूछ लिया था कि ये अगर कोई दो गोलिया ले ले तो 20 या 25 मिंट मैं पूरी तरह सो जाता है ओर फिर 2 अवर तक वो नही उठते आप जो मर्ज़ी शोर मचा लो उसके पास. मैने गोलियाँ ये कह के ली थी कि मुझे नींद नही आती है. अब मैने रुचिता दीदी को कहा कि चलो मेरे साथ और मैं उन्हे पकड़ कर बाबूजी के रूम मे ले गई. मैं बाबूजी के बेड पे चढ़ गई तो दीदी मुझे देख रही थी मैने बेझीजक बाबूजी की लोवर नीचे की ओर उनका लंड बाहर निकल आया आज भी बाबूजी ने सिरफ़ लोवर ही पहन रखी थी. दीदी देख के डर गई कि भाभी बाबूजी उठ जाएँगे आप ये क्या कर रही हो तो मैने कहा कि फिकर मत करो नही उठेंगे मैं हूँ ना तुम मेरे पास आओ तो वो भी मेरे पास आ गई मैने कहा कि लो इसे छू के देखो अब हमारा हाथ लगने के बाद बाबूजी का लंड टाइट होने लग गया था ओर पूरे जोबन पे आने को तैयार था. रुचिता दीदी तो उसे देख कर पागला सी ही गई थी ओर कह रही थी हाई भाभी ये तो बहुत ही कमाल का है ओर पागलों की तरह उसे चूमने लगी और चूसने लगी . करीब 15 मिंट तक हम दोनो ने उसे जी भर के चूसा ओर फिर मैने दीदी को कहा के अब चलो वरना ये पानी छोड़ देगा ओर बाबूजी उठ जाएँगे तो दीदी बोली के नही भाभी मेरी तो चूत पे खुजली हो रही है मैं तो लंड का मज़ा ले कर ही जाउंगी.मैने कहा कि दीदी आप इतनी उतावली क्यो हो रही हैं आप ने सुना ही होगा कि हमेश ठंडा कर के खाना चाहिए वरना मूह जल जाता है तो वो बोली कि मेरा क्या मूह जलेगा मेरी तो चूत जल रही है भाभी तो मैने कहा कि एक बात तो है कि अगर तुम अभी मज़ा लोगि तो एक तो बाबूजी जाग जाएँगे दूसरा सोते हुए इंसान का लंड उतना जोश मैं नही होता जितना जागते हुए का होता है मेरे होते हुए चिंता मत करो तुम्हे लंड का मज़ा भी मिलेगा इंतजार तो करो थोड़ा अगर एक बार ये तुम्हारी चूत मे घुस गया तो फिर तुम वो आनंद कभी नही पा सकोगी जिसके लिए तुम इतनी उतावली हो ओर बात उसकी समझ मैं आ गई ओर वो उठ खड़ी हुई मैने बाबूजी की लोवर को वैसे ही खुली हुई छोड़ दिया ओर उनके लंड को बाहर ही छोड़ दिया आपने साथ मैं लिपीसटिक ले गई थी उसे अपने होठों पे आछे से लगाया ओर बाबूजी के लंड पे चारो तरफ किस के निशान छोड़ दिए और उठ खड़ी हुई तो रुचिता बोली भाभी इसे तो उपेर कर दो तो मैने कहा कि नही दीदी इसे ऐसे ही रहने दो तो वो बोली कि वो क्यो तो मैने कहा कि आप बस चुप चाप देखती रहो कि होता क्या है ओर हम वापिस आपने रूम मे आ गई लेकिन आग दोनो की चूत मैं भड़क रही थी सो दोनो ने एक दूजे की चूत मैं उंगली डाल के वो आग भुज़ाई. जब आग भुज गई तो रुचिता दीदी बोली कि भाभी अब मुझसे रहा नही जा रहा अब मैं और सस्पेंस मे नही रह सकती क्या आप मुझे मेरे कुछ सवालों के जवाब देंगी तो मैने कहा कि ठीक है बाबा अब मैं भी आप को सस्पेंस मैं नही रखूँगी सब कुछ बता दूँगी पूछो क्या पूछना है तो वो बोली की भाभी पहले तो ये बताओ कि बाबूजी उठे क्यो नही थे ये सब क्या चक्कर है. मैने कहा कि आप अभी भी नही समझी तो वो बोली की नही तो मैने कहा कि ठीक है | दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | दीदी मैं बताती हूँ आप को मैने जो दूध आप को दिया था बाबूजी को पिलाने के लिए उस्मै नींद की गोलिया घोली हुई थी मैने तभी तो हम 20-25 मिंट बाद गये थे बाबूजी के रूम मे तो वो मुझे हैरानी से देखती हुई बोली के भाभी आप तो कमाल की चीज़ हो यार ओरये बताओ कि आप ने बाबूजी के लोवर को उप्पेर क्यो नही किया ओर उसपे किस के निशान क्यो छोड़ दिए. मैने कहा कि वो इसलिए दीदी कि जब बाबूजी उठेंगे तब तक हम सो चुके होंगे अगर हम लोवर को उप्पेर कर देते तो उन्हे ये पता नही चलता कि उनके साथ क्या हुआ है लेकिन जब वो आपने लंड को लोवर के बाहर पाएँगे तो सोचेंगे कि ये बाहर कैसे आ गया अब रही किस के निशानो की बात तो वो इस लिए कि अगर बाबूजी लंड को बाहर देखते तो पहली बार तो सोचते कि ये बाहर कैसे आ गया फिर सोचते कि हो सकता है मैने ही इसे नींद मैं बाहर निकाल लिया होगा लेकिन अब जब वो आपने लंड पे किस के निशान देखेंगे तो ज़रूर सोचेंगे ..
कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे …..
और भी कहानिया पढ़े
The post मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-2 appeared first on Sex Stories.