दोस्तों आज फिर मै मेरी पिछली कहानी “मेरी अप्सरा जैसी नौकरानी चुद गयी “ को आगे बढ़ाते हुए अब अगला भाग “मेरी नौकरानी और उसकी सहेलियों की ग्रुप में चुदाई“ के रूप में प्रेषित कर रहा हु | २ बजने से १० मिनट पहले ही घंटी बजी। सामने दीना, उनकी पड़ोसन रूपा और जैनब खड़ी थीं। जैनब के हाथ मैं एक बैग था जिसमें कुछ कपड़े थे।
हम लोग अन्दर आ गए, जैनब ने मेरा परिचय दीना और रूपा से कराया। रूपा एक सांवले बदन की 28-29 साल की छोटी-छोटी चूचियों वाली पतली दुबली महिला थी।
हमने कोल्ड ड्रिंक और चिप्स का नाश्ता किया।
फ़िर जैनब बोली- आप लोग कपड़े बदल लो !
बैग में से दो लुंगी निकाल कर उसने हमें दे दीं। जैनब ने दोनों के कान में कहा- आप अंदर जाकर सिर्फ लुंगी पहन लो !
हम लोग अंदर अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ लुंगी पहन कर आ गए।
जैनब बोली- रूपा जी, आप थोड़ी शरमा रही हैं, आप साड़ी उतार दें और मैं आपको पेटीकोट ब्लाउज देती हूँ ! उन्हें पहन लें नहीं तो आपके कपड़े ख़राब हो जाएँगे, थोड़ी देर पेटीकोट-ब्लाउज में रहेंगी तो शर्म भी छूट जाएगी।
थोड़ा न-नुकुर के बाद रूपा ने अंदर जाकर कपड़े बदल लिए। अब वह गहरे गले के ब्लाउज और पेटीकोट में थी। पेटीकोट नाभि के नीचे बंधा था, रूपा का बदन चिकना और जवान था जिसने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था। हम लोग बेडरूम में आ गए थे। इसके बाद दीना और मुझे जैनब ने एक एक हॉट ड्रिंक दे दी, थोड़ी सी उसने रूपा को दी थी। हम सब लोगों ने ड्रिंक पीना शुरू कर दी थी।
रूपा ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहने थी। दीना रूपा के ब्लाउज में हाथ डाल कर उसकी छोटी छोटी चूचियाँ 5-5 बार दबा चुका था। रूपा उसका हाथ बार बार हटा देती थी।
जैनब रूपा के पास गई और बोली- इतना शरमाओगी तो रात का मज़ा कैसे लोगी? ब्लाउज उतार लो और इन छोटी छोटी संतरियों का जूस दीना जी को पिलाओ तभी तो रात का पूरा मज़ा मिलेगा। जैनब ने पीछे जाकर उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसका ब्लाउज उतार दिया। रूपा की नरम नरम चिकनी और छोटी छोटी दूधिया चूचियाँ बाहर निकल आई थीं, मेरा और दीना दोनों का लण्ड उछालें मार रहा था।
दीना लुंगी ठीक से नहीं पहने थे, उनका लण्ड खड़ा हुआ था जो 5 इंच के करीब होगा, मेरा भी ८ इंची तना हुआ लण्ड लुंगी से बाहर निकलने को उतावला हो रहा था। दीना रूपा से चिपक कर उसके गुलाबी होंठ चूमने लगा और साथ ही साथ उसके नंगे दूध कस कस कर मसल रहा था। दीना की लुंगी खुलकर हट गई थी अब उसका नंगा लण्ड हम सब देख सकते थे। दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
जैनब ने आगे बढ़कर रूपा का हाथ दीना के लण्ड पर रख दिया और रूपा से बोली- अब शर्म छोड़ दे और रंडी बन जा ! मजे कर ! शरमा नहीं ! आज दो-दो लण्डों से खेल सकती है ! ऐसा मौका शरीफ औरतों को रोज रोज नहीं मिलता है, तुझे चूत और गाण्ड का ऐसा मज़ा दिलवाऊँगी कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी ! बस अब शराफत छोड़ दे और एक रात के लिए वेश्या बन जा।
थोड़ा न-नुकुर के बाद रूपा ने अंदर जाकर कपड़े बदल लिए। अब वह गहरे गले के ब्लाउज और पेटीकोट में थी। पेटीकोट नाभि के नीचे बंधा था, रूपा का बदन चिकना और जवान था जिसने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था। हम लोग बेडरूम में आ गए थे। इसके बाद दीना और मुझे जैनब ने एक एक हॉट ड्रिंक दे दी, थोड़ी सी उसने रूपा को दी थी। हम सब लोगों ने ड्रिंक पीना शुरू कर दी थी।
रूपा ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहने थी। दीना रूपा के ब्लाउज में हाथ डाल कर उसकी छोटी छोटी चूचियाँ 5-5 बार दबा चुका था। रूपा उसका हाथ बार बार हटा देती थी।
जैनब रूपा के पास गई और बोली- इतना शरमाओगी तो रात का मज़ा कैसे लोगी? ब्लाउज उतार लो और इन छोटी छोटी संतरियों का जूस दीना जी को पिलाओ तभी तो रात का पूरा मज़ा मिलेगा। जैनब ने पीछे जाकर उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसका ब्लाउज उतार दिया। रूपा की नरम नरम चिकनी और छोटी छोटी दूधिया चूचियाँ बाहर निकल आई थीं, मेरा और दीना दोनों का लण्ड उछालें मार रहा था।
दीना लुंगी ठीक से नहीं पहने थे, उनका लण्ड खड़ा हुआ था जो 5 इंच के करीब होगा, मेरा भी ८ इंची तना हुआ लण्ड लुंगी से बाहर निकलने को उतावला हो रहा था। दीना रूपा से चिपक कर उसके गुलाबी होंठ चूमने लगा और साथ ही साथ उसके नंगे दूध कस कस कर मसल रहा था। दीना की लुंगी खुलकर हट गई थी अब उसका नंगा लण्ड हम सब देख सकते थे।
जैनब ने आगे बढ़कर रूपा का हाथ दीना के लण्ड पर रख दिया और रूपा से बोली- अब शर्म छोड़ दे और रंडी बन जा ! मजे कर ! शरमा नहीं ! आज दो-दो लण्डों से खेल सकती है ! ऐसा मौका शरीफ औरतों को रोज रोज नहीं मिलता है, तुझे चूत और गाण्ड का ऐसा मज़ा दिलवाऊँगी कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी ! बस अब शराफत छोड़ दे और एक रात के लिए वेश्या बन जा।
दीना बोला- साली की गाण्ड मार लूँ, फिर साथ साथ दोनों कुतियाओं को बजाएँगे।
मैंने कहा- जैनब को अपना लौड़ा चुसवाओ ! बहुत मस्त चूसती है।
दीना ने लौड़ा रूपा के मुँह से निकल लिया जैनब ने भी मेरे मुँह से लण्ड निकाल दिया और रूपा को हटाकर दीना का लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मैंने रूपा को अपनी तरफ खींच लिया और उसके मुँह पर अपना लण्ड रख दिया, रूपा बोली- आपका तो बहुत बड़ा है? दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने उसके कान में कहा- मुँह में रखो मज़ा भी बड़ा देगा।
रूपा गर्म हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ठूंस लिया। अब दोनों औरतें दीना और मेरा लण्ड मस्त होकर चूस रहीं थीं। रूपा की चूचियाँ भी अब मेरे हाथों में खेल रही थीं।
थोड़ी देर बाद जैनब ने दीना का लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और रूपा के मुँह से भी मेरा लण्ड हटा दिया। दीना रूपा की चूत पर हाथ फेरते हुए बोला- सुमित, वाकई जैनब जी ने तो आज सच लौड़ा चूसने का असली मज़ा दिया। यह मेरी कुतिया तो चूसना जानती ही नहीं, सिर्फ मुँह आगे पीछे करती है।
जैनब मुस्कुराते हुए बोली- आपकी माल को आज सब सिखा दूंगी। अब इसकी थोड़ी चूत की सेवा कर दीजिये, हरामिन की चुदने को कुलबुला रही है। दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
दीना उठा और उसने रूपा की टांगें चौड़ी करके उसमें अपना लण्ड घुसा दिया। रूपा की चूत बजने लगी, जैनब ने भी मेरा लण्ड अपनी चूत में डलवा लिया था।
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