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मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-4

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मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-1 |  मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-2  | मै मेरी ननद और मेरे ससुरजी-3

मेरे प्यारे चाहने वालो मुझे ढेर सारे मेल मिल रहे है एक बार फिर माफ़ी मागती हूँ मै मेल का जवाब नही दे पा रही हूँ सो आप लोग कमेंट कर दीजिये मै कमेंट का रिप्लाई जरुर करुगी | तो आज मैं अपनी कहानी का आखिरी पार्ट लिख रही हूँ …  फिर उस रात बाबूजी ने दीदी को एक बार और मुझे दो बार यानी कि एक बार मुझे और दूसरी बार दीदी के बाद चोदा मुझे बहुत ही मज़ा आया और फिर हम तीनो ही एक तरफ मैं और एक तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी नंगे ही सो गये सुबह सब से पहले मैं उठी और उठते ही सब से पहले बाबूजी के लॉड को किस किया फिर नंगी ही उन दोनो के लिए चाइ बना के ले आई फिर हम तीनो ने चाइ पी. फिर मैने कहा कि एक बात कहु अगर आप लोग मनोगे तो वो दोनो बोले कि कहो तो मैने कहा कि जब तक हम तीनो घर पे हुआ करेंगे हम बिल्कुल नंगे ही घूमेंगे कोई भी कपड़ा नही पहनेगे तो वो बोले की ठीक है. फिर मैने उठी और कहा कि नाश्ते मे क्या लेंगे तो वो बोले कि थोड़ा दूध पिला दो तो मैं झट से उनकी गोद मे बैठ गई और बोला कि जितना चाहे पी लीजिए तो दीदी बोली कि आप अपनी बहू का दूध पीजिए मैं नाश्ता बना लेती हूँ तो बाबूजी बोले कि दूध तो मैं तुम दोनो का ही पीऊंगा फिर यू ही हँसी मज़ाक करते हुए हम दोनो नाश्ता बनाने चली गई और बाबूजी नहाने चले गये. हम नाश्ता बना के ले आई तो बाबूजी भी नहा के आ चुके थे और नंगे ही बैठे थे हम तीनो ने नाश्ता किया बाबूजी तैयार हो गये और जाने लगे तो मैने कहा कि बाबूजी दिल नही कर रहा आप को आज भेजने को आज आप घर पे ही रहिए तो वो बोले की सारी रात फिर तुम दोनो के साथ हूँ चिंता मत करो तो मैने कहा ठीक है और मैं उनके पास बैठ गई और उनकी पेंट की ज़िप खोलने लगी तो वो बोले कि क्या करने लगी हो तो मैने कहा कि सारा दिन मुझसे दूर रहेगा इसे प्यार तो कर लेने दीजिए और मैने उनके लॉड को निकाल कर चूस लिया और कहा कि अब जाइए तो वो बल कि तुम्हारी याद मुझे सारा दिन सताएगी लेकिन काम भी ज़रूरी है और वो चले गये. फिर मैने और दीदी ने घर के काम निपटाए और नहाने लगी हम दोनो साथ ही नहा रही थी कि दीदी मेरी चूत देख कर बोली कि तुम्हारी तो बिकल्कुल सूज गई है | दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | तो मैने कहा कि दीदी कितनी बार तो बाबूजी ने रगड़ दिया है इसे सुजेगी ही और हम दोनो खुश थी दीदी कह रही थी भाभी आप का आइडिया तो कमाल का निकला बाबूजी खुद ही राज़ी हो गये हमे चोदने को अब तो 10 दिन पूरी ऐश करेंगी हम दोनो तो मैने कहा कि वो तो है ही. सारा दिन हम घर पे बोर होती रही ओर करीब 8 बजे बाबूजी आ गये दीदी तब खाना बना रही थी तो डोर मैने ही ओपन कि बाबूजी अंदर आ गये तो मैने डोर लॉक किया ओर बाबूजी से लिपट गई और बोली कि आप की बहुत याद आ रही थी ओर मैं बैठ कर पागलों की तरह उनकी पेंट खोलने लगी तो वो बोले कि मुझे अंदर तो आ जाने दो तो मैने कहा कि नही पहले मुझे इसके दर्शन करने हैं जिसके लए सुबह से तड़फ़ रही हूँ तो बाबूजी ने अपनी पेंट उतार दी और फिर मैने उनके लॉड को चूस लिया और फिर हम उनके रूम मैं आ गये तब तक दीदी भी खाना ले कर आ गई थी फिर पहले तो हम तीनो ने अपने कपड़े उतारे और फिर खाना खाने लगे. दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | करीब 9 बजे हम लोग लेट कर टीवी देख रहे थे एक तरफ मैं एक तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी. बाबूजी बोले कि एक बताओगि तुम दोनो हमने कहा कि कहिए तो वो बोले कि क्या तुम दोनो ने कभी गांड भी मरवाई है तो मैने कहा कि नही अभी तक तो नही और दीदी भी बोली कि नही तो वो बोले की इसका मतलब है आज मुझे दो कुँवारी गंदें फाड़ने का अवसर भी मिल जाएगा. मैं तो ये सुनकर कांप सी गई ओर बोली कि नही मैं गांड नही मराउन्गि आप तो मुझे मार ही देंगे इतना बड़ा लौड़ा नही से पाएगी मेरी गांड आपका. तो वो बोले कि घबराओ मत गांड तो मैं मारूँगा ही तो दीदी बोली कि गांड मैं भी नही मराउन्गि तो वो बोले कि देखते हैं और फिर उन्होने हमारे बूब्स सहलाना शुरू कर दिए. फिर उन्होने कहा कि बहू मेरी जान ये देखो आज ये तुम्हारी गांड मारने को मचल रहा है मैने कहा कि प्लीज़ गांड का नाम मत लीजिए तो वो बोले कि वो तो मुझे मारनी ही है वो मेरी चूत और गांड को बार चाटने लगे मुझे मज़ा आने लगा और मैं दीदी की चूत और गांड चाटने लगी. फिर बाबूजी ने मुझे आपने लॉड को चाटने को कहा और मेरे मूह मे डाल दिया उनका 9इंच के करीब लौड़ा मेरे मूह मैं चला गया था ओर मेरे गले से जा लगा था और मुझे सांस लेने मे भी मुस्किल हो रही थी लेकिन मैने उनके लॉड को चूसना बंद नही किया. करीब 10 मिंट बाद बाबूजी ने मुझे घोड़ी बना दिया तो मेरी रूह तक कांप गई ये सोच कर कि आज मेरी गांड फटने वाली है वो भी लंड से नही लॉड से. बाबूजी ने थोड़ा से आयिल लगाया मेरी गांड पे और लॉड को गांड के मुख पे रख दिया. मेरी तो रूह तक कांप उठी फिर बाबूजी ने एक धक्का मारा लौड़ा 3इंच तक अंदर पहुँचा दिया लेकिन मेरी चीखें निकल गई मैं चिल्लाने लगी हाईईईई बाबूजी मेरे राजा जी मेरे साजन जी मैं मरगई प्लीज़ निकाल लीजिए अपने लॉड को बाहर और मैं छटपटाने लगी और मैने लौड़ा निकालने की कोशिश की लेकिन मैं नही निकल पाई क्यो कि बाबूजी की मजबूत बाहों की पकड़ ने मुझे कमर से पकड़ा हुआ था सारा दिन हम घर पे बोर होती रही ओर करीब 8 बजे बाबूजी आ गये दीदी तब खाना बना रही थी तो डोर मैने ही ओपन कि बाबूजी अंदर आ गये तो मैने डोर लॉक किया ओर बाबूजी से लिपट गई और बोली कि आप की बहुत याद आ रही थी ओर मैं बैठ कर पागलों की तरह उनकी पेंट खोलने लगी तो वो बोले कि मुझे अंदर तो आ जाने दो तो मैने कहा कि नही पहले मुझे इसके दर्शन करने हैं जिसके लए सुबह से तड़फ़ रही हूँ तो बाबूजी ने अपनी पेंट उतार दी और फिर मैने उनके लॉड को चूस लिया और फिर हम उनके रूम मैं आ गये तब तक दीदी भी खाना ले कर आ गई थी फिर पहले तो हम तीनो ने अपने कपड़े उतारे और फिर खाना खाने लगे. करीब 9 बजे हम लोग लेट कर टीवी देख रहे थे एक तरफ मैं एक तरफ दीदी बीच मैं बाबूजी. बाबूजी बोले कि एक बताओगि तुम दोनो हमने कहा कि कहिए तो वो बोले कि क्या तुम दोनो ने कभी गांड भी मरवाई है तो मैने कहा कि नही अभी तक तो नही और दीदी भी बोली कि नही तो वो बोले की इसका मतलब है आज मुझे दो कुँवारी गंदें फाड़ने का अवसर भी मिल जाएगा. मैं तो ये सुनकर कांप सी गई ओर बोली कि नही मैं गांड नही मराउन्गि आप तो मुझे मार ही देंगे इतना बड़ा लौड़ा नही से पाएगी मेरी गांड आपका. तो वो बोले कि घबराओ मत गांड तो मैं मारूँगा ही तो दीदी बोली कि गांड मैं भी नही मराउन्गि तो वो बोले कि देखते हैं और फिर उन्होने हमारे बूब्स सहलाना शुरू कर दिए….

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