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Channel: Hindi Sex Story – Antarvasna
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पडोसी की बीवी की मुझसे चुदने की इच्छा

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मैं एक गवर्नमेंट कर्मचारी हूँ। एक गवर्नमेंट क्वाटर में मैं अपनी बीवी निधि के साथ रहता हूँ। मुझे जो वेतन मिलता हैं हम उसके दो हिस्से करते हैं, एक हिस्सा निधि को मिलता हैं, जिससे वह घर का राशन, सब्जी व अन्य जरूरत का सामान लेती है, दूसरे हिस्से से मैं अपना खर्च चलाता हूँ।

यह करीब दो साल पहले की बात है। हमारे घर के बाजू वाले क्वाटर में रहने वाले सज्जन ऑफिस में मेरे ही डिविजन में काम करते हैं। उनका नाम राधेश्याम है। उनकी एक साल की बेटी भी है। वे अपनी पत्नी के साथ अक्सर मेरे घर आते और फिर हम चाय, नाश्ता साथ-साथ ही लेते हैं।

उनकी पत्नी करिश्मा करीब 30 साल की है। मेरे घर आने पर स्वाभाविक रूप से वो मेरी बीवी निधि के पास चल देती और दोनों की आपसी बातें लंबी चलती। बाद में निधि और करिश्मा बहुत अच्छी सहेलियाँ बन गई। साथ में बाजार जाना या बीसी में भाग लेना जैसे और कई काम थे, जिसमें इन दोनों की बढ़िया जम गई थी। अच्छी सहेलियाँ होने के कारण दोनों आपस में अपने सुख-दुख भी बांट लेती थी।

राधेश्याम जी को शराब पीने और जुआ खेलने की आदत थी। निधि ने मुझे बताया कि इस कारण करिश्मा बहुत दुखी रहती है। यहां तक कि मैसीजी के वेतन से उनके घर का मासिक खर्च भी बहुत मुश्किल से निकल पाता है। बाजार में उनकी बहुत उधारी भी है और उधारी वसूलने वाले अक्सर उनके घर में भी तकाजा करने आ जाते हैं।

मुझे सुन कर दुख तो हुआ, पर मैं क्या कर सकता हूँ, यह सोच कर हम दूसरी बात करने लगे। इस बात के दूसरे दिन ही निधि ने मुझे एक लिस्ट दी व बाजार से सब सामान लाने कहा। मैंने लिस्ट में राशन, पेस्ट, साबुन, वाशिंग पाउडर सहित घरेलू उपयोग का सामान देखा तो बोला – अरे, इस बार सब सामान जल्दी खत्म हो गया या यह अगले महीने के लिए है।

निधि बोली – पहले आप सामान तो ले आइए, फिर इस बारे में बात करेंगे।

अब मैंने उससे बाजार के लिए पैसा मांगा तो उसने कहा – इस माह मेरे पास पैसा नहीं है, अभी आप अपने पास से ला दीजिए। दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |

उस दिन वैसे तो मैं निधि को चोदने के मूड में था पर मैंने सोचा कि चलो इस काम के बदले में इसकी गांड मारने की कोशिश कर लेते हैं. मैंने कहा – चलो लिस्ट का पूरा सामान ला देता हूँ पर बदले में मुझे आज गांड मारने देना होगा?

निधि ने पहले तो बात टाली, फिर बोली – अच्छा, आप सामान ला दीजिए, बदले में आपको मिल जाएगी।

सब काम निपटने के बाद मैं रात को निधि से चिपक कर बोला – गांड में लगाने के लिए वेसलीन तो ला रखो।

निधि बोली – नहीं,

आप मेरी चूत में ही डालिये, मेरा उसी का मूड है।

मैं बोला – वाह! सामान लाते समय तो वादा किया था, अब धोखा दे रही हो।

निधि बोली – मैंने कहा था कि आपको मिल जाएगी, यह नहीं कहा था कि गांड मिल जाएगी।

मैं बोला – वाह, तुमसे चूत भी मांगनी पड़ती है क्या? मेरी बीवी हो तुम! तुम्हारी चूत तो मैं जब चाहूँ ले सकता हूँ।

निधि बोली – यह मैं अपने लिए नहीं बोली थी।

मैं हड़बड़ाया – तब किसके लिए बोली थी?

मैंने आपको पहले भी बताया है ना कि निधि की कई बातों का सस्पेंस बाद में खुलता है। निधि बोली – आप पहले मुझे चोदिये फिर बताती हूँ।

अब मेरा माथा घूम गया कि निधि ने मुझसे एसा क्यूँ कहा? किसके लिए कहा? मैं इन विचारों में ही पड़ा रहा। निधि मुझे टेंशन में देख कर बोली – क्या बात है? अब नहीं चोदना है क्या?

मैं बोला – चोदूँगा तो जरूर, मेरी जान पर पहले तुम अपनी बात का राज तो खोलो।

निधि बोली – अच्छा आप बताइए कि करिश्मा आपको कैसी लगती है?

मैंने कहा – कैसी लगती है मतलब? अच्छी लगती है और वह अच्छी है भी।

निधि बोली – देखिए, मैं आपको एक बात बताती हूँ, ठीक-गलत बाद में आप बताना।

मैं बोला – हूँ !

निधि बोली – ये राधेश्याम साहब हैं ना, ये रोज शराब पी कर आते हैं। इस कारण उनके घर का बजट बिगड़ा रहता है, यह अलग बात है पर शराब के नशे में वो करिश्मा से कहासुनी करते हैं और करीब-करीब रोज ही उसको चोदते हैं।

मैं बोला – तो क्या हुआ? करिश्मा राधेश्याम जी की बीवी है तो वे उसे चोदेंगे ही, इसमें क्या गलत हुआ।

निधि बोली – वाह, करिश्मा की गांड अच्छी नहीं है क्या? उसका कभी-कभी गांड मरवाने का बहुत मन करता है। उसको तकलीफ यह है कि मैसीजी अपनी चोदने की इच्छा तो रोज पूरी कर लेते हैं पर करिश्मा की जरूरत को कभी पूरा नहीं करते।

मैं बोला – मैसीजी को अपनी बीवी की चूत ज्यादा पसंद है तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?

निधि बोली – लेकिन उन्हें औरत की इच्छा का भी तो ध्यान रखना चाहिये।

मैं बोला – लेकिन मैंने कहा ना कि इसमें हम क्या कर सकते हैं?

निधि बोली – देखिये, आपका आज गांड मारने का मूड बना. आपने मुझसे कहा तो मैंने कहा कि मुझे तो अपनी चूत में लंड चाहिए। अब आप इस बात पर ही अड़े रहते कि मुझे तेरी गांड ही मारनी है तो मैं अपनी इच्छा को मार कर पलट जाती और आप मेरी गांड मार लेते। इससे आपकी मर्जी तो पूरी हो जाती पर मुझे आपका लौड़ा अपनी चूत में लेने की जो इच्छा हो रही है वह धरी रह जाती ना। आपका लौड़ा खड़ा हुआ तब आपने उसे मेरी गांड में डाल कर अपना लंड तो शांत कर लिया पर मेरी चूत में जो आग लगी है, वह कैसे शांत होगी? अब अपनी चूत की आग शांत करने मुझे तो भटकना पड़ेगा ना? दोस्तों आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |

मैं बोला – अरे भई, जब भी मैं तुम्हें गांड मरवाने को बोलता हूं तो तुम मुझे ऐसा ही भाषण सुना देती हो। ठीक है, मैंने पहली बार सही तरीके से नहीं मारी थी। पर हर बार तो मैं गलती नहीं करूंगा। तुम तो दुबारा मरवाने का नाम ही नहीं लेती हो। चलो, तुम्हारा चुदने का मूड है तो आज भी चूत में ही डालता हूँ।

निधि बोली – देखा, आप कैसे मेरी तमन्ना पूरी करने को तैयार हो गए। पर मैं अपनी नहीं, करिश्मा की बात कर रही हूँ। उसे अपनी गांड में लंड चाहिए और मैसीजी हैं कि उसकी बात मानते ही नहीं हैं।

अब मैं बोला – मैसीजी की जगह मैं होता तो कब का करिश्मा की गांड मार चुका होता।

निधि बोली – यही तो मैं कह रही हूं। आप हमेशा मेरी गांड के पीछे पड़े रहते हैं और उधर करिश्मा की गांड कब से लंड के लिए तरस रही है। अगर आप करिश्मा की गांड की खुजली मिटा दें तो इसमें क्या बुराई है?

मुझे अपने कानों पर विस्वास नहीं हो रहा था। यह सच था कि मैं निधि की गांड के पीछे पड़ा था जो मुझे नहीं मिल रही थी। पर पराई बीवी की तो बात ही अलग होती है। मुझे करिश्मा की चूत भी मिल जाती तो मैं भगवान को प्रसाद चढ़ाता … पर उसकी गांड! करिश्मा की गांड मारने की बात कर के निधि ने मेरी तबियत हरी कर दी थी। फिर भी मैंने शराफत दिखाते हुए कहा – यह अच्छा है कि तुम करिश्मा का इतना ध्यान रखती हो … पर एक पराई औरत की गांड मारना? … और फिर यह पड़ोस का मामला है, कहीं किसी को पता चल गया तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी।

निधि – देखो जी, करिश्मा तो किसी को बताने से रही कि उसने तुमसे गांड मरवाई है। वो तो हम दोनों पर भरोसा कर रही है कि हम यह बात किसी को पता नहीं चलने देंगे। अब बताइए, हम यह बात किसी को कहेंगे?

मेरी इच्छा हो रही थी कि इस उपकार के बदले निधि के पैर पकड़ लूँ! पर मैंने खुद पर कंट्रोल किया और भरे गले से कहा – तुम कितनी महान हो, स्नेहा। तुम्हारे दिल में परायों के लिए भी कितना दर्द है। अगर तुम चाहती हो तो मैं करिश्मा की इच्छा पूरी करने के लिए तैयार हूँ।

निधि बोली – बस, ये ध्यान रखिए कि करिश्मा की गांड कभी-कभी ही मारनी है। आप कहीं मुझे छोड़ कर उसके पीछे ही मत पड़ जाइएगा।

कहानी जारी है …. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे |

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