हेल्लो दोस्तों मै जन्नत खान आज अपनी स्टोरी की दूसरी पारी लिख रही हूँ आशा करती आप लोग मजे से पढ़ रहे होगे अभी तक आपने पढ़ा .. ऐसे कर के वो मुझे धीरे धीरे चोदने लगे……फिर सिंह साहब जी ने मेरी निपल्स को चूसना सुरू किया मुझे बहुत ही मज़ा आरहा था …….. ऐसे ही लगभग 8-10 मिनिट चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी. 2-3 मिनिट के बाद वो भी झाड़ गये और अपने लंड का सारा पानी मेरे अंदर डाल दिया….वो फिर भी मुझ से चिपके रहे….कुछ देर के बाद हम दोनो अलग हुए तो मैने किसी तरह से ही अपने कपड़े पहने….पैंटी और ब्रा
तो नही पहन पाई लेकिन बाकी कपड़े मैने पहन लिए… और अब आगे ….
अभी रात के 11 बज रहे था मैं सिंह साहब जी के सीने पे अपना सिर रख के सोई थी | और उनका एक हाथ मेरी चूचियों का भूगोल नाप रहा था.तभी ट्रेन स्टेशन पर रुक गयी. सिंह साहब नीचे जाने लगे और मुझे भी बोले कि तुम भी चलो और कुछ खा लो मैने कहा कि मैं ऑलरेडी खा चुकी हूँ…..फिर वो ज़िद करने लगे तो मैने भी सोचा कि अब इस.से क्या ख़तरा ऑलरेडी ये मुझे चोद तो चुका ही है सो अब क्यों नखरे करना और मैं नीचे उतर गयी. वहाँ सामने एक रेस्टोरेंट था. उधर ही एक साइड के टेबल पे हम दोनो बैठ गये और खाना खाए.खाना खा के वो बुकस्टॉल पर चले गये. मैं ट्रेन मे आकर अपने सीट पे चादर ओढ़ के सो गयी. तभी कुछ देर मे सिंह साहब जी पीछे से आए और मेरी दोनो मदमस्त चूचियों को ब्लाउस के उपर से ही पकड़ कर मसल दिए.मेरी ओवरसाइज़ चूचियाँ राज सिंह की हथेली मे दबकर सीत्कार उठी.मैं पाजामे के ऊपर से सिंह जी के बंपिलाट लंड को सहलाते हुए सीसीयाई,’उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़,मेरी चूचियों को आटे की तरह गुंथने का इरादा है क्या सिंह साहब साहेब??’ सिंह साहब जी का लंड फूफ्कार मारने लगा.दोनो हाथो को ब्लाउस के अंदर घुसा कर सिंह साहब जी ने फिर से मेरी नंगी चूचियों को मसल दिया और मेरे मक्खन दार गालो पर एक ज़ोर की पप्पी लेते हुए कहा,’जन्नत डार्लिंग,मुझे तुम्हारी चूचियों का दूध पीना था, क्यो,बहुत दर्द हुआ क्या?’.सिंह साहब साहेब के खुर्दरे हाथो से अपनी मस्तानी चूचियों को मसलवा के मैं फिर चुदाई के लिए तड़पने लगी थी उपर से ऐसी बाते सुनकर मेरी चूत फिर फुदकने लगी.सिंह साहब साहेब के लंड को और झटके देने के लिए मैने उनकी ओर देखकर आँख मारी और सिंह साहब जी के मूसल लंड पर एक प्यार भरी चपत लगाते हुए कहा,सिंह जी,लेकिन दूध निकलेगा कैसे मेरी चूचियों से,अभी तक तो मैं कुँवारी शादी शुदा थी.सिंह साहब जी ने दोनो चूचियों की घुंडी को चुटकी मे दबा के मसल दिया और मेरे फूले हुई गालो पे चुम्मि लेते हुए कहा,’घबराओ मत जन्नत डार्लिन्,राज सिंह तुम्हे बच्चा भी देगा और चूचियों मे दूध भी,सिंह साहब का ये वादा है जन्नत कि तुम्हारी चूत से एक दर्ज़न बच्चे निकालूँगा.’सिंह साहब जी की बात सुनकर मैं शर्मा गयी
राज सिंह ने मुझे सीधा किया और मुझे फिर से नंगी कर दिया तब तक ट्रेन खुल चुकी थी….मैं चादर के अंदर पूरी
नंगी थी और वो भी मेरे चादर मे आगये और अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझे चोदने लगे………मुझे तो
बहुत ही मज़ा आ रहा था….फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ा और वो भी झाड़ गये. उसी चादर मे हम दोनों सो गये….थोड़ा अच्छा नही लग रहा था लेकिन अब क्या फ़ायदा मैं तो चुद चुकी थी | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | मैने यही सोचा कि एक रात मे मैं लड़की से औरत बनी थी और
आज एक ही रात मे मैं औरत से रंडी बन गयी |
सुबह स्टेशन पर गाड़ी रुकी तो हम दोनो नीचे उतरने के लिए बढ़ गये.सिंह साहब जी ट्रेन से उतर गये लेकिन मैं साड़ी पहने थी ,सो दिक्कत हो रही थी.सिंह साहब जी देख कर मुस्कुराए और आगे बढ़ कर मेरी कमर पर अपने हाथ रख दिए,फिर फिसला कर दोनो हाथ साड़ी के उपर ही मेरी मदमस्त चूतडो पर जमा दिए.मैं सिंह साहब जी की छाती से चिपकी नीचे पहुँच गयी.लोगो को हमारी तरफ ही देखते देख कर मैने शर्म से नज़रे झुका ली.अचानक सिंह साहब जी ने मेरे चूतडो पर चुटकी काटी तो मैं चिहुक कर उनकी तरफ देखने लगी.वो मुझसे अड्रेस माँग रहे थे.अड्रेस दे कर मैं अपने मायके घर आ गयी.1 हफ्ते बाद वापस शौहर के पास भी चली गयी लेकिन इस बार किसी राज सिंह से मुलाकात नही हुई,मन मसोस कर रह गयी | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
मायके से मैं घर लौटी तो शौहर स्टेशन पर फूलों का गुलदस्ता लिए खड़े थे…आज फ्राइडे था,इस लिए मैं जल्दी से घर पहुच कर नमाज पढ़ना करना चाहती थी….मैने येल्लो कलर की साड़ी पहन रखी थी, ऊपर से बुरका था …बाहर निकले तो शौहर ने कार का गेट खोला और मैं पीछे बैठ गयी…..शौहर ड्राइवर की सीट पर जा बैठे…रास्ते मे एक दुकान पर राज सिंह को देखकर मैं चौंक पड़ी….मेरी चूत मे चुनचुनी हो गयी…ट्रेन के सारे नज़ारे आँखो के सामने घूमते चले गये….मैं वो हादसा याद करके सिहर गयी जिस वक़्त मेरी चूत से खून की नदियाँ बह निकली थी….मुझे लगा राज सिंह तो मेरी सील तोड़ चुके हैं लेकिन निशानी के तौर पर वो मेरी चूत के खून से भींगी लूँगी साथ लेते चले गये…मुझे वो माँग लेनी चाहिए…
मैने शौहर को गाड़ी रोकने को कहा और दुकान की ओर चल पड़ी…और राज के पास जा के कहा हेल्लो राज सिंह मुझे देखकर उछल पड़े खुशी से… हम दुकान से बाहर आए तो देखा शौहर एक निहायत ही खूबसूरत बुर्क़ापोश लड़की को सीटी बजा कर छेड़ रहे हैं….लड़की की आँखो से ही बयान हो रहा था कि वो कितनी खूबसूरत होगी…शायद शौहर उसका हुस्न देखकर अपने होश मे नही रह गये थे…वो लड़की जिसका नाम शायद शकीना था,ने शौहर के पास आते ही उनके गालो पे थप्पड़ लगा दिया..तुमने हिमाकत कैसी की शकीना को छेड़ने की…शौहर हैरान थे कि जिसे वो अभी तक नाज़नीन समझ रहे थे,अचानक डाइनमाइट कैसे बन गयी थी…भीड़ जमा हो गयी थी वहाँ ,शौहर अपने गाल सहला रहे थे और शकीना अपनी आँखो से शोले बरसाते हुए चीख रही थी हम सब जानते हैं तुम जैसे लोगो को,घर मे तो बीवी को चोद नही पाते हो और बाहर जैसे ही किसी परदानशीन देखते हो कि फिसल जाते हो…
शौहर शकीना के पैरो पर गिर पड़े मुझे माफ़ कर दीजिए मोहतार्मा, आज से वादा करता हूँ कि किसी भी मुस्लीम लड़की की तरफ ग़लत नज़र से नही देखूँगा, देखूँगा तो इज़्ज़त की नज़र से.
शकीना: हरामज़ादे, तूने मेरा पैर क्यो छुआ. तुम सारे लोग लातों के भूत हो ऐसे नही मनोगे,आज तो मैं तुझे ऐसा सबक सिखाउन्गि कि ज़िंदगी भर मुस्लिम लड़कियो से दूर भागोगे कहते हुए शकीना ने अपने पैरो से सॅंडल निकाला और शौहर के सर पर बरसाते चली गयी…बीच रोड शकीना शौहर की ठुकाइ कर रही थी और लोग सोच रहे थे कैसा नमार्द आदमी है जो एक मामूली सी मुसलमान लड़की के हाथो कुत्ते की तरह पिट रहा है….फिर शकीना ने भीड़ की तरफ मुखातिब हो कर कहा…भाईजान,आप लोग अपनी अपनी चप्पले उतार के दे…सबसे चप्पल कलेक्ट कर शकीना ने एक चप्पलो का हार बनाया और शौहर के गले मे लटका दिया | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
शकीना ने शौहर की बेल्ट निकाली और उन्ही के गले मे कुत्ते के पट्टे की तरह लटका दी…जैसे शौहर कुत्ते हो और शकीना गले का पट्टा ले के आगे आगे चल रही थी…अचानक शौहर शर्म से झुक कर रुक गये तो शकीना गुस्से मे पलट गयी और शौहर के चेहरे पर आके थूक दिया…फिर ज़मीन पर थूक के बोली:चलो चाटो मेरे भाईजान…शौहर थूक पर ऐसे झपट पड़े जैसे कुत्ता कटोरी मे रखे गोश्त पर झपट ता है और शकीना का थूक चाटने लगे….
अचानक वो आदमी जिसका नाम फ़िरोज़ था और शकीना का शौहर था आया और बोला:क्या हुआ शकीना,क्यो मार रही हो बेचारे को.शौहर को सामने देखकर शकीना ने अपना बुर्क़ा उतार दिया,बला की खूबसूरत थी वो,ज़िस्म भरा भरा जीता जागता कयामत था शकीना.उसने ग्रीन कलर का एक टाइट सलवार सूट पहन रखा था …. |
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