हेलो दोस्तो, मैं हूँ जन्नत खान आज फिर एक सच्ची कहानी आपके लिए लिखी हूँ लेकिन मेरी कहानी पढ़ने से पहले और अपने लंड को हाथ मे लेने से पहले एक बार सोचे ज़रूर क्योकि हो सकता है आपका कीबोर्ड बाढ़ मे बह जाए !
आपका कीमती टाइम वेस्ट नही करते हुए मैं जन्नत खान,आपकी अपनी जन्नत हाज़िर हूँ जन्नत की सैर कराने के लिए अपनी सच्ची आपबीती लेकर आपके सामने ! मेरी उम्र २८ साल है,अभी एक महीने पहले ही मेरी शादी हुई है ! सास ससुर गाव मे रहते है,यहाँ मैं अपने शौहर खुर्शीद आलम के साथ रहती हू…मेरा 22 वर्षीय छोटा भाई अनवर भी अपने पढ़ाई के वास्ते हमारे साथ ही रहता है!
वैसे तो मैं हमेशा छरहरी रही हू लेकिन कुछ महीनो से मेरा जिस्म भर जाने के कारण गद्देदार लगती हू…गाल फूलकर टमाटर की तरह लाल और मक्खन की तरह चिकने हो गये हैं!फिलहाल मेरी फिगर ३६-२८-३८ है ! बचपन से ही मैं बहुत बिंदास रही हू… मुझे रोक टोक बिल्कुल पसंद नही ! शादी करके आई तो शौहर खुर्शीद आलम ने रोब गाँठने की कोशिश सुरू कर दी…मुझे साड़ी पहनना बहुत पसंद है लेकिन मेरे शौहर को ये बात नागवार गुज़रने लगी…कहते “मेडम जन्नत खान जी, जब आप साड़ी पहन कर और गले मे मन्गल्सुत्र लटका के चलती हैं तो आपके ये भारी चूतड़ ऐसे मटकते है की पूरा मुहल्ला आपके मटकते चुतडो की थिरकन देखने रोड पर आ जाता है!और तो और,कितने लोग अपना लंड हाथ मे थाम कर आपके पीछे चल देते हैं”…और मैं शौहर देव से मूह फेर कर चुतडो को थिरका कर आगे बढ़ जाती, शौहर अपनी नूनी हाथ मे लेकर कसमसाते रह जाते! खैर,ये खेल सिर्फ़ 2 हफ्ते चला,उसके बाद तो शौहर खुर्शीद आलम आपकी इस सेक्सी जन्नत खान की चूत का गुलाम हो गया….अब तो शौहर आपकी जन्नत खान के तलवे चाटने के लिए जीभ लपलपाते रहता है!हर रात शौहर आपकी सीतदेवी की रसीली चूत का दीदार करने के लिए मेरे पैरो पर गिर के गिडगीडाने लगता है आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | लेकिन साहेबान,आपकी चुदासी जन्नत खान की चूत इतनी सस्ती नही कि किसी भी नमार्द की नूनी से चुद जाए ! शौहर रोज रात को मेरे पैर दबाते है और फिर साड़ी उठाकर जैसे ही ज्वालामुखी के दहाने पर अपनी नूनी रखते हैं,गर्मी से उपर ही पिघल जाते है!मैं उस वक़्त तो खिलखिला के हंस देती हूँ लेकिन ..
रात भर चूत मे उंगली डाल के सोने पर गुस्सा भी आता है…
अभी तक आपकी जन्नत खान की टाइट चूत को फाड़ने की हिम्मत किसी ने नही कर पाई,मेरी रसीली चूत एक बंपिलास्ट लंड की तलाश मे दर दर भटक रही है!सुना है,हिन्दू लंड बहुत ताकतवर होता है…बचपन मे देखा भी था बगल वाले रामदेव अंकल जब मेरी मम्मी को चोद्ते थे तो मम्मी की चीख पूरी बस्ती मे गूँजती थी और अब्बा बेड के नीचे दुबक कर फ़चफ़च फ़चफ़च की आवाज़ सुनते थे हाथ मे नूनी लेकर . आपकी इस सेक्सी जन्नत ने कैसे सिंह जी के प्रचंड लंड से अपनी टाइट चूत की सील तोडवाई,वो भी शौहर और भाई के सामने. सुबह मैं उठी शौहर की आवाज़ से .वो हाथ मे चाइ की ट्रे लेकर खड़े थे.मैं बेड से उठी और तकिये के सहारे लेटकर नाइट गाउन के बटन बंद करते हुए बोली,’क्या आज ,इतनी सुबह सुबह क्यों उठा दिए?’मेरे शौहर की रोज की दिन चर्या थी वो बेड पर टी ले कर मुझे जगाने आते थे..शौहर बेड के एक कोने मे बैठकर मेरे पैरों को सहलाते हुए बोले;”भूल गयी मैडम जी,आज आपको मायके जाना है,10 बजे ही ट्रेन है आपकी..”
मैने टाइम देखा तो हड़बड़ा गयी,8 बज चुके थे.मैं जल्दी से बेड से उठी और बाथरूम मे घुस गयी. तैयार होकर स्टेशन पहुची और दौड़ते दौड़ते एसी 1st टियर मे घुसी.अपने बर्थ पर जाके मैने सुकून की साँस ली.मेरे बगल वाली सीट पे एक 45 साल का 6 फिट लंबा अधेड़ आदमी था, कसरती बदन और सावला था देखने मे,शायद हिन्दू था,उसने पठानी सूट पहन रखा था….उसकी नज़रे मेरे गदराए बदन का ऐसे एक्स-रे कर रही थी जैसे आँखों ही आँखों से मुझे चोद डालेगा.. आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है |
मेरी जाँघो के बीच की राजकुमारी मे चुनचुनी हो गयी.मैने कमर पर से साड़ी पकड़ के हल्का सा उठाई और अपनी
सीट पे गयी .उसने पूछा,’चलो मैं तो अकेला बोर हो गया था,आप आई तो अब सफ़र भी आराम से कट जाएगा,आपका नाम क्या है?’..
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