दोस्तों मेरी कहानी का तीसरा भाग है एक दिन शांती और शिखा ने मुझसे पूछा की जीजू हमारी एक सहेली और उसकी भाभी को आपका लंड चाहिए तो क्या आप उन दोनों को चोदना चाहोगे? क्योंकी हमने जब आपके महाबली लंबे और मोटे लंड के बारे में बताया की आपके लंड में बहुत ताक़त है और आपका वीर्य भी बहुत स्वादिष्ट है इसलिए हमने आपके बारे में अपनी सहेली और उसकी भाभी को बता दिया तब से उन दोनों की चूत खुजा रही है| मैंने कहा ठीक है| शिखा, शांती, मोनिका और शालू के साथ क्लास में कई लड़कियां पढ़ती थी जो चारों की सहेलियां भी थी उन्ही में से एक थी काजल| एक दिन मैं सुबह के समय जब सोकर उठा तो मेरे फ़ोन पर एक कॉल आई और मैंने बात की उधर से एक लड़की की आवाज आई की मैं काजल बोल रही हूँ कमला नगर से| मैंने कहा जी कहिये मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिए? तो उसने कहा की मैं आपसे मिलना चाहती हूँ |मैंने कहा बताइये कहाँ मिलना है? तो वो बोली आज अभी 10 बजे तक आ जाओ और अपना पता मुझे नोट करवा दिया| मैंने अपनी बाइक उठाई और सीधा उसके दिये हुए पते पर पहुँच गया | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | मैंने कॉलबेल जब बजाई तो गेट खोलने के लिए एक छोटी सी बच्ची आई तो मैंने उससे पूछा की मुझे काजल जी से मिलना है तो उसने कहा की आप यहाँ बैठिये मैं उन्हें अभी बुलाती हूँ| करीब 5 मिनट इंतज़ार करने के बाद काजल आई| उसने मुझसे बैठने के लिए कहा एयर चाय कॉफी के लिए पूछा|मैंने कहा की आप मुझसे क्या बात करना चाहती थी जिसके लिए आपने मुझे यहाँ बुलाया है तो उसने तुरंत अपनी भाभी ऋतंभरा को आवाज दी थोड़ी देर बाद ऋतंभरा भी आ गई तो काज़ल ने मेरा परीचय ऋतंभरा से शालू के जीजू के रूप में करवाया और बताया की मेरी भाभी महीला मंडल व्यापर परकोष्ठ की सदस्या हैं| मैंने उनसे पुछा की घर के बाक़ी सदस्य कहाँ हैं तो काजल ने बताया की भैया बिजनेस के सिलसिले में एक महीने के लिऐ अमेरिका और जापान गए हैं|मैंने पूछा क़ी आपके यहाँ किस चीज़ का बिजनेस होता है? तो बताया की हमारी 10-12 कंपनियों का ग्रुप है जिनमें से कुछ आगरा में हैं और कुछ फरीदाबाद में हैं|जिनमें से आगरा वाली फॅक्टरयिओं को भैया भाभी देखते हैं और फरीदाबाद वाली फॅक्टरयिओं को पापा सँभालते हैं| ऋतंभरा ने मुझसे पूछा की विशु जी, जैसा की मुझे आपके घर में रहने वाली चार लड़कियों ने बताया की आपका हथियार बहुत लंबा और मोटा है और काफी देर बाद ढेर सारा बीज उगलता है ? और हम दोनों मिलकर आपके लंड का प्रचार करें तो हमने उन चारों से यही कहा की हम कैसे माने की उसके लंड में बहुत दम है| अगर वाकई उसके लंड में दम है तो वो हमें एक बार अपने लंड का डेमो दे | यदि पसंद आया तो आगे तो रेफर करुँगी अन्यथा नहीं|मैंने मन ही मन सोचा की ये लड़कियां मेरा कितना खयाल रखती हैं मेरे लंड के लीये क्लायेंट ढूंढ रही हैं और मुझे पता भी नहीं| खैर मैंने ऋतंभरा से पूछा की आपको कैसा डेमो चाहिए तो उसने मुझसे डायरेक्टली कहा की पहले हमें अपना लंड दिखाओ|मैंने भी देर न करते हुए तुरंत अपनी पेंट की ज़िप खोलकर अपना लंड खोलकर ऋतंभरा के हाथ में पकड़ा दिया कुछ देर में ही फीमेल के हाथ का स्पर्श पाकर वो जल्दी ही लोहे की रॉड की तन गया और उसका सुपाड़ा फूल के बहुत मोटा हो गया| जब लंड अपनी असली रंगत पर आया तो ऋतंभरा और काजल की आँखों में गुलाबी सी चमक आ गई|कुछ देर वो मेरे लंड के ऊपरी खाल को दो उंगली और एक अंगूठे के सहारे से आगे पीछे करने लागी| करीब 20 मिनट तक जोर जोर से हिलाने पर भी बीज नहीं निकला बल्कि उसका हाथ हिलाते हिलाते थक गया और दर्द करने लगा|तो उसने मुझसे पूछ लिया की तुम्हारा बीज कीतनी देर बाद निकलेगा तो मैंने कहा की अभी आप और 20 मीनट तक भी हिलाओगी तो भी मेरा बीज नहीं निकलेगा|ये मेरा वादा है आपसे तो ऋतंभरा को कहना ही पड़ा की विशु जी,वाकई आपके लंड में बहुत दम है ये तो चूत या गाँड के परखच्चे उड़ा सकता है|लेकिन विशू जी एक बात का विशेष ध्यान रखना मान की चलो अभी आप जवान हो इसलिए आपके लंड में बहुत जान है लेकिन जब रोज़ाना लड़की को चोदोगे तो तुमारा लैंड कमज़ोर हो जायेगा और एक समय वो आएगा की तुमसे तुम्हारी घरवाली भी तुम्हें घास नहीं डालेगी | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | क्योंकि लड़की या औरत उस लड़के या आदमी से खुश रहती है जो उसकी चूत का भुर्ता बना दे|इसलिए सोच लो की तुम्हें खुद से ज्यादा इसका ध्यान रखना पड़ेगा मैंने कहा बात तोह सही है|मैं इसका हमेशा ध्यान रखूँगा| मैं ऋतंभरा और काजल से बात कर ही रहा था दरवाजे की घंटी बजी|मेरी तो डर के मारे गाँड फट गई|मैंने झट से अपना लंड पेंट के अंदर किया पर वह बैठने के बजाय और ज्यादा फूल गया|देखा रोह पता चला की कोई शरारती बालक था जो घंटी बजाकर भाग गया था|ऋतंभरा ने कहा की विशू जी क्या मैं आपके लंड को प्यार कर सकती हूँ? वैसे तो मैंने आज तक किसी का भी यहाँ तक की अपने पती तक का लंड मैंने नहीं चूमा है क्योंकि मेरे पती का लंड मुश्किल से 4.5-5″ का पतला सा है लेकिन आपका तो मुझे ये दूना लग रहा है| मैंने कहा ठीक है और अपना लंड पैंट से दुबारा निकाल लिया तो काजल ने ऋतंभरा से इशारों में कहा भाभी जब हमें कीमत ही देनी है तो इनको पूरा नंगा करो ऋतंभरा ने काजल की बात मानते हुए मुझसे बोली की विशु जी यदि आप बुरा न मानें तो हम आपका पूरा शरीर नंगा देखना चाहते हैं|मैंने कहा ठीक है देख लो कहकर मैंने अपने सभी कपड़े उतार दीये|काजल एकदम चिल्लाकर बोली भाभी इनके लंड के साथ साथ पोते भी कितने बड़े हैं|और मेरे पोते टटोलने लगी जो बीज से फुल थे|ऋतंभरा ने मेरा लंड झट से मुह में ले लिया और काजल ने पोते|दोनों ही ऐसे ही चूस रही थीं जैसे जनम जनम की प्यासी हो|मैंने ऋतंभरा के मुँह से तुरंत ही लंड बाहर निकाला और कहा की अगर आपको मेरा लंड चूसना है तो आप लोगों को भी कपड़े उतारने होंगे|ऋतंभरा ने झट से कहा हम क्यों उतारें? आपको जरूरत है आप उतारिये|मैंने भी फुर्ती से दोनों को नंगी कर दिया|आये हाय क्या बदन था ऋतंभरा का उसके सामने बैचलर लड़कियाँ फेल नज़र आ रही थी क्योंकि उसके चूचे एकदम तने हुए गोल और उसकी कमर एकदम स्टाइलिश सुराही के समान, उसकी चूत जिस पर हलके हलके भूरे रंग के रोंये थे मैं तो सकते में आ गया की पता नहीं ये शादीशुदा है अब तक कुँवारी है|मैंने ये जानने के लिए उसकी चूत में ऊँगली डाली तो मेरी पूरी ऊँगली चली गई फिर मैंने दो ऊँगली डाली तो दो भी चली गई|उसके बाद जैसे ही मैंने तीन उंगली डाली तो ऋतंभरा की हलकी सी चीख निकल गई|मैं समझ गया की इसने बहुत ही छोटे लंड से चुदवाया है|उसके बाद मैं उसे गोद में उठाकर बिस्तर पर ले गया फिर मैंने उसे बेतहासा चूमना शुरू कर दिया|सबसे पहले मैंने उसके होंठ, गाल, गर्दन और पेट को बारी बारी से चूमा फिर उसके बाद मैंने उसके कान के पास पीछे की ओर किश किया और डायरेक्ट उसके चुचों पर आ गया जिसे मैं एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे हाथ से मुँह में लेकर चूसने लगा|कुछ देर बाद ऋतंभरा ने मेरा मुँह अपने चुचों पर दबा दिया और सिसियाने लगी|इधर काजल देख देख कर ही बिना हाथ लगाये गरम हो गई और मेरा लंड चूसने लगी जिससे मेरा लंड बहुत ज्यादा टाइट हो गया और काजल के मुँह में आसानी से नही घुस पा रहा था इसलिए वो सिर्फ सुपाड़े की ऊपरी खाल को हटाकर जीभ से चाट रही थी फिर धीरे धीरे मैं ऋतंभरा की चूत पर आ गया और अपनी जीभ को नुकीला करके उसके क्लीटोरियास को चाटने लगा जैसे ही मैंने अपनी जीभ ऋतंभरा की चूत पर रखी तो वह एकदम ऐसे सिहर गई जैसे उसे 1000 वाट का करंट लगा हो और फिर उसकी चूत में तीन उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा | आप यह कहानी altsexstories.नेट पर पढ़ रहे है | मैंने करीब इस क्रिया में 15 मिनट लिए होंगे की ऋतंभरा का बदन हिचकोले खाने लगा इसके साथ ही वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी कुछ समय पश्चात उसका शरीर ऐठनें लगा और वो आह आह करते हुए मेरे मुँह पाए झड़ गई लेकिन फिर भी मैं लगातार उसकी चूत चाटता रहा| कुछ देर बाद ऋतंभरा फिर से गरम हो गई और मुझसे कहने लगी की विशु जी अब बर्दास्त नहीं हो रहा है मुझे इतना क्यों तड़पा रहे हो? अब डाल भी दो अपना मूसल जैसा लंड|मैंने भी देर न करते हुए ऋतंभरा की टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को ऋतंभरा की चूत पर रगड़ने लगा|और सही वक्त देखकर लंड को छेद पर टेक कर एक पूरी ताकत के साथ करारा सा झटका लगा दिया जिससे ऋतंभरा की एक जोरदार चीख निकल गई|लेकिन मैंने उसकी कोई परवाह न करते हुए लगातार 5-6 धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये जिससे ग्राउंड फ्लोर पर काम करने वाली नौकरानी भागी भागी आई और उसने मेरे द्वारा की जा रही ऋतंभरा की चुदाई देखने लगी|चुदाई देखते देखते वो भी अपने सभी कपडे उतार कर मैदान में कूद पड़ी और कहने लगी भाभी मैं भी चुदना चाहती हूँ|जब पूरा लंड ऋतंभरा की चूत में घुस गया तो मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा जैसे ही ऋतंभरा का दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने अपना लंड ऋतंभरा की चूत से सुपाड़े तक पूरा बहार खींचकर दुबारा पूरी ताकत के साथ धकेल दिया इधर ऋतंभरा ने भी नीचे से कूल्हे मटकाना शुरू कर दिया|ऋतंभरा को ज्यादा मज़ा आये इसलिए मैंने उसकी टाँगे अपने कंधे पर रख ली जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस रहा था इस कारण वो जल्दी झड़ गई|इसी प्रकार से मैंने ऋतंभरा को अलग अलग आसनों में करीब 50 मिनट तक चोदा उसके बाद मेरा सब्र भी जवाब दे गया तो मैंने ऋतंभरा से कहा की मैं झड़ने वाला हूँ बताओ कहाँ निकालू अपना बीज तो उसने कहा की नहीं विशु जी चूत में मत झड़ना मैं परषों ही ऍम0 सी0 से बंद हुई हूँ अगर आपने बीज चूत में ही डाल दिया तो मैं प्रेग्नेंट हो जाउंगी इसलिए आप मेरी चूत में नहीं मेरे मुँह में अपना बीज निकलना जिससे मैं तुम्हारा बीज पी भी लूँगी|10-15 धक्कों के बाद मैंने अपना लंड ऋतंभरा की चूत से निकालकर उसके मुँह में दे दिया और फिर उसके मुँह में अपना बीज भर दिया फिर उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक मेरे बीज की एक एक बूँद नहीं निचुड़ गई|फिर मैं थकान की वजह से ऋतंभरा के ऊपर गिर पड़ा| इसी तरह से मैंने काजल एयर नौकरानी की चुदाई की और एक एक बार तीनो की गाँड भी मारी|इस काम में मुझे शाम के 4:00 बज चुके थे|जब मैं वहाँ से चलने को हुआ तो ऋतंभरा ने मुझे हज़ार हज़ार के दस नोट दिए और कहा की जब भी हमारी याद आये तो चले आना|इसके बाद उन सबने मेरे लंड का ऐसा प्रचार किया की आज मेरे पास करीब 500 से ज्यादा क्लाइंट हैं|आज मुझे कम से कम 3-4 क्लाइंट्स मिल ही जाते हैं | शालू ने मेरे रेट भी खोल दिए हैं | 2 घंटे @ 5000/-, 4 घंटे @ 8000/- & फुल नाईट @ 15000/- तो बताइये दोस्तों आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी? यदि आप लोग मुझे अपना प्यार दोगे तो शायद मैं अपनी और भी कहनियां आप तक पहुँचा सकूँ| मेरी ईमेल आई0 डी0 है: [email protected]
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