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Assamese sex stories – भाभी की बुर

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  1. Assese sex stories – भाभी की बुर पर नंगा लेट कर अपने के बाल को सहलाया करता था। एवं अपने को खड़ा कर उसे सहलाता रहता था। एक रात मै अपने को सहला था । उसमे मुझे बहूत आनंद आ था। अचानक मै जोर जोर से अपने को अपने हाथ से रगड़ना शुरू किया । मुझे ऐसा करना बहूत अच्छा लग था। अचानक मेरे से माल निकलने लगा । उत्तेजना से आँखे बंद हो गई। 5-6 तक मुझे होश ही नही । ये पहला मुठ था। इसके पहले मुझे इसका कोई अनुभव नही था। मै बाथरूम में जा कर अपने लंड को धोया और बेड पे आया तो मुझे गहरी नींद आ गई।
    अगली सुबह मै अपने रूम से बाहर निकला तो देखा की भइया अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहे ं। उनकी शादी हुए 2 साल हो गए थे। भाभी मेरे साथ बहूत ही घुली मिली थी। मै अपनी हर प्रोब्लम उनको बताया करता था। मेरे माता-पिता भी हमारे साथ ही रहते थे। थोडी देर में भईया अपने ऑफिस चले गए। पिता जी को कचहरी में काम था इस लिए वो 0 बजे चले गए। मेरे पड़ोस में एक पूजा था सो माँ भी वहां चली गई। मैंने देखा की घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नही है। मै भाभी के रूम में गया। भाभी अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। मै उनके बगल में जा कर लेट गया। मेरे लिए ये कोई नई बात नही थी। भाभी को इसमे कोई गुस्सा नही होता था। भाभी ने करवट बदल कर मेरे कमर के ऊपर अपना पैर रख कर अपना बदन का भार मुझे पे दिया
    और कहा- क्या बात है राजा जी ? आप कुछ परेशान लग रहें हैं।
    भाभी अक्सर मेरे साथ ऐसा करती थी।
    मैंने कहा- भाभी कल रात को कुछ गजब हो गया। आज तक मेरे साथ ऐसा नही हुआ था।
    भाभी ने पुछा- क्या हुआ?
    मैंने कहा – कल रात को मेरे लंड से कुछ सफ़ेद सफ़ेद निकल गया। मुझे लगता है कि मुझे डाक्टर के पास जाना होगा।
    भाभी ने मुस्कुरा के पुछा- अपने आप निकल गया?
    मैंने कहा – नही , मै अपने लंड को सहला था तभी ऐसा हुआ।
    भाभी ने कहा- राजा बाबू अब आप जवान हो गए हो। ये सब तो होगा ही।लगता है कि मुझे देखना होगा।
    भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रख दिया। तथा धीरे धीरे इसे दबाने लगी। इस से मेरे लंड खड़ा होने लगा।
    भाभी बोली- जरा दिखाइए तो सही ।
    मै कुछ नही बोला। मैंने धीरे से अपने पेंट का बटन खोल दिया। भाभी ने मेरे पेंट को नीचे की ओर खींचा और उसे पूरी तरह खोल दिया। अब मै सिर्फ़ अंडरवियर में था। भाभी अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को सहला रही थी।
    बोली- क्या इसी से कल रात को सफ़ेद सफ़ेद निकला था?
    मैंने कहा – हाँ।
    भाभी ने कहा – अंडरवियर खोलिए।
    मैंने कहा – क्या भाभी, आपके सामने मै अपना अंडरवियर कैसे खोल सकता हूँ?
    भाभी बोली – अरे जब आप मेरे को अपना पूरा प्रोब्लम नही बतायेगे तो मै कैसी जानूंगी कि आपको क्या हुआ है? और मुझे क्या शर्माना? अपनों से कोई शर्माता है भला? जब आपके भइया को मेरे सामने अपने कपड़े खोलने में कोई शर्म नही है तो फिर आप क्यों शरमाते हैं?
    मै इस से पहले की कुछ बोलता भाभी ने अंडरवियर पकड़ कर अचानक नीचे खींच लिया। लंड तन के खड़ा हो गया। भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया.
    और कहा – अरे राजा बाबू आप तो बहूत जवान हो गए हैं।
    भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी। मेरे लंड से थोड़ा थोड़ा पानी निकलने लगा । अचानक भाभी मेरे को जकड कर नीचे की तरफ़ घूम गई। इस से मै भाभी के शरीर पर चढ़ गया। भाभी का शरीर बहूत ही मखमली था।
    भाभी ने मुझसे कहा – मुझे चोदियेगा?
    मै कहा – मै नही जानता।
    भाभी ने मेरे शरीर को पकड़ लिया और कहा – मै सीखा देती हूँ। पहले मेरा ब्लाउज खोलिए।
    मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया । भाभी का चूची एकदम सफ़ेद सफ़ेद दिख रहा था। मैंने कभी सोचा भी नही था कि भाभी का चूची इतना सफ़ेद होगा। मै भाभी के चूची को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा।
    भाभी ने कहा – ब्रा तो खोलिए तब ना मज़ा आएगा।
    मैंने भाभी की ब्रा भी खोल दिया। अब भाभी का समूचा चूची मेरे सामने तना हुआ खड़ा था। मैंने दोनों हाथो से भाभी की चूची को पकड़ लिया और
    कहा – क्या मस्त चुच्ची है आपकी भाभी?
    मै भाभी के चुचियों को धीरे धीरे दबा रहा था ।
    अचानक भाभी ने कहा – साड़ी खोलिए ना तब और भी मज़ा आएगा।
    मैंने एक हाथ से भाभी की साड़ी खोल दिया। भाभी अब सिर्फ़ पेटीकोट में थी।
    फ़िर मैंने भाभी को कहा – क्या पेटीकोट भी खोल दूँ?
    भाभी बोली – हाँ।
    मै बैठ कर भाभी का पेटीकोट का नाडा खोला और झट से उतर फेंका। अब मेरे सामने जो नजारा था मै उसकी कल्पना सपने में भी नही कर सकता था। भाभी का बुर एकदम सफ़ेद सा था। उसपर घने घने बाल भी थे। मै भाभी के बुर को देख रहा था। कितना बड़ा बुर था। बुर के अन्दर लाल लाल छेद दिख रहा था।
    मैंने भाभी को कहा – आपको भी बाल होता है? भाभी सिर्फ़ मुस्कुराई।
    भाभी बोली – छु कर तो देखिये।
    मै भाभी के बुर को धीरे धीरे छुने लगा। भाभी बुर का बाल मै एक तरफ़ कर के मै उसे फैला के देखने की कोशिश लगा कि ये कितना बड़ा है। मुझे उसके अन्दर छेद नजर आ रहा था।
    भाभी से मैंने पुछा – भाभी , ये छेद कितना गहरा है?
    भाभी ने कहा – ऊँगली के देखिये न?
    मै बुर में ऊँगली दिया। मै अपनी ऊँगली को भाभी के बुर में चारों तरफ़ घुमाने लगा। बहूत बड़ा था भाभी का बूर। मै बूर से ऊँगली निकाल के भाभी के शरीर पे लेट गया। भाभी ने अपने दोनों पैर को ऊपर उठा के मेरे ऊपर से घूमा के मुझे लपेट लिया। मै भाभी के शरीर को जोर से पकड़ लिया। साँसे बहूत तेज़ हो गई थी। मेरा सारा छाती भाभी के चूची से रगड़ खा रहा था। भाभी ने मेरे सर को पकड़ के अपने तरफ़ खींचा और अपने होठ को मेरे होठ से लगा दिया। मै भी समझ गया कि मुझे क्या करना है? मै काफी देर तक भाभी के होठो को चूमता रहा। चुमते चुमते मेरे शरीर में उत्तेजना भरती गई। मै भाभी के होठ को छोड़ कर कुछ नीच आया और भाभी के चूची को मुह में ले कर काफ़ी देर तक चूसता रहा। भाभी सिर्फ़ गर्म साँसे फेंक रही थी। फिर भाभी अचानक बैठ गई और मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया। मै लेट कर भाभी का तमाशा देख रहा था। भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू किया। वो लंड के सुपाडे को ऊपर नीचे कर रही थी। मै पागल हुआ जा रहा था। भाभी ने अचानक मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। पूरे मुंह में मेरा लंड घुसा ली। मै एकदम से उत्तेजित हो गया।
    मैंने भाभी को कहा- भाभी, प्लीज ऐसा मत कीजिये।
    लेकिन भाभी नही मानी। वो मेरे लंड को अपने मुंह में पूरा घूसा ली। अचानक मेरे लंड से माल निकलने लग गया। आँखे बंद हो गई। मै छटपटा गया। सारा माल भाभी के मुंह में गिर रहा था लेकिन भाभी ने मेरे लंड को अपने मुंह से नही निकाला। और मेरा सारा माल भाभी पी गई। 2- मिनट के बाद मुझे होश आया। देखा भाभी मेरे शरीर पर लेटी हुआ है और मेरे होठों को चूम रही है।
    भाभी बोली- ऐसा ही माल निकला था रात में?
    मैंने कहा – हाँ भाभी.
    भाभी ने कहा- ये तो जवानी की निशानी है मेरे देवर जी. अब आप जवान हो रहे हैं.
    मैंने कहा- अब मै जाऊं भाभीजी ?
    भाभी बोली – अरे वाह राजा जी अभी तो खेल बाकी है।अब जरा मुझे चोदिये तो सही।
    मै बोला- क्या अभी भी कुछ बाकी है? लेकिन मै भी कुछ करना चाहता हूँ.
    भाभी बोली – आप क्या करना चाहते हैं?
    मै बोला – जिस तरह से आपने मेरे लंड को चूसा उसी तरह से मै भी आपके बूर को चूसना चाहता हूँ।
    भाभी बिस्तर पे लेट कर अपनी दोनों पैर को अगल बगल फैला दिया। अब मुझे भाभी का बुर का एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रहा था। मै नीच झुक कर भाभी के बुर में अपना मुंह लगा दिया। पहले तो बूर के बाल को ही अपने मुंह से खींचता रहा। फ़िर एक बुर के छेद पर अपने होठ रख कर उसका स्वाद लिया। बड़ा ही मज़ा आया। मै और जोर से भाभी के बुर को चूसने लगा। चूसते चूसते अपनी जीभ को भाभी के बूर के छेद के अन्दर भी घुसा दिया। भाभी को देखा तो वो अपनी आँख बंद कर के यूँ कर रही थी जैसे कि कोई दर्द हो रहा है।तभी भाभी के बुर से हल्का हल्का पानी के तरह कुछ निकलने लगा। मैंने उसका स्वाद लिया तो मुझे कुछ नमकीन सा लगा. थोडी ही देर में मेरा लंड तन के खड़ा हो गया था। मै भाभी के होठ को चूमने के लिए जब उनके ऊपर चढा तो मेरा लंड उनके बुर से सट गया। भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और
    कहा – राजा जी अब मुझे चोदिये न ।

     



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